Rajim Kumbh Kalpa 2024 | The tableau of Shri Ram’s life and journey into the forest became the center of attraction.
प्रभु श्री राम के आदर्शाे और उनके छत्तीसगढ़ वनवास काल को जानने और देखने का मिल रहा अवसर
रायपुर। धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पहल से राजिम कुंभ की भव्यता 5 वर्ष बाद पुनः लौटी है। राजिम कुंभ कल्प 2024 मेला का आयोजन इस वर्ष रामोत्सव की थीम पर मनाया जा रहा है। राजिम कुंभ मेला स्थल में प्रभु श्री राम के जीवन चरित्र और उनके छत्तीसगढ़ वनवास अवधि पर आधारित जीवंत झांकी का प्रदर्शन किया जा रहा है, जोकि मेला में पहुंचने वाले समस्त श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लोग धार्मिक सद्भाव और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्शाे को अनुभव कर इस झांकी आनंद उठा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में एवं धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मार्ग निर्देशन में इस बार कुंभ मेला छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्रीराम को समर्पित किया गया है, इसी तारतम्य में मेले की सारी सजावट में श्री राम की झलक स्पष्ट नजर आ रही है। शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर आधारित चलित झांकी की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें वनवास के दौरान श्रीराम द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में निवासरत स्थलों का सचित्र चित्रण किया गया है। जिसमें लोमष ऋषि से भेंट, त्रिवेणी संगम में बालू से शिवलिंग की सीता द्वारा किए गए पूजा, माता कौशिल्या सहित श्रृंगी ऋषि, शबरी एवं सुग्रीव से भेंट की झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इस डोम में आने लोग छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य क्षेत्र में राम द्वारा बिताए गए दिनों की झांकी से लोग रोमांचित होकर आनंद उठा रहे हैं।
रामोत्सव तर्ज पर ही मुख्यमंच में आयोध्या में निर्मित श्रीरामलला के मंदिर का प्रतिकात्मक चित्रण किया गया है, जिससे मुख्यमंच पूरी तरह से राममय दिखाई देता है। साथ ही झांकी के प्रदर्शन में लेजर लाईट और साउंड इफेक्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ में श्रीराम के बिताए गए दिनों को दिखाया जा रहा है, जो आने वाले पीढ़ी को राम के चरित्र सहित भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता द्वारा छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य क्षेत्र के बिताए गए दिनों से परिचित करा रहे हैं। इस झांकी को देखने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि हमें इस झांकी से काफी जानकारी प्राप्त हुई है, जिससे हम अंजान थे। युवाओं ने बताया कि जिन बातों को हमने किताबों में पढ़ा था, उसे सचित्र देखकर हमारा मन रोमांच से भर उठा। मेला आगंतुक राज्य शासन की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे है।