रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ आज उनकी बैठक होने वाली है। वहीं राज्य सरकार ने दावा किया है कि स्टील प्लांट को जितना छूट दिया गया उसकी तुलना मे उन्होंने लोहे के दाम और बढ़ा दिए इससे आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई।
पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्टील उत्पादकों ने उत्पादन तो बढ़ाया लेकिन दाम कम होने की बजाय बढ़ते चले गये। 2018-19 में पूरे देश में 100 मिलियन टन स्टील का उत्पादन हुआ था। इस दौरान स्टील की कीमत 33,833 रु. प्रति टन थी जो 2022-23 में बढ़कर 53,036 रू. प्रति टन हो गई। 2021-22 में छत्तीसगढ में आश्चर्यजनक ढंग से जो आदेश में लोड फैक्टर छूट को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था। इसके कारण स्टील उत्पादकों को प्रति वर्ष लगभग 750 करोड़ रू. का अतिरिक्त लाभ मिला था।