नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 53वीं जीएसटी (GST) परिषद की बैठक में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है, लेकिन इसका निर्णय राज्यों को करना है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में सीतारमण ने कहा, “यह राज्यों पर निर्भर है कि वे मिलकर फैसला करें और पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएं. केंद्र सरकार की मंशा साफ है, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.”
राज्य एक साथ आकर तय करें रेट’
उन्होंने कहा, “पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है. अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है.” पेट्रोल और डीजल पर अभी तक जीएसटी के तहत टैक्स नहीं लगाया गया है. पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें हर राज्य में अलग-अलग होती है.
GST परिषद की बैठक बोलीं वित्त मंत्री
GST परिषद की बैठक पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “आज 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में करदाताओं को राहत देने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं. इससे व्यापारियों, एमएसएमई (MSME) और करदाताओं को लाभ होगा. जीएसटी परिषद ने GST अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जिसमें धोखाधड़ी या गलत बयानी से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं.”