लगातार ट्रेनों को रद्द किया जाना जनता पर अत्याचार : दीपक बैज

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रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एक बार फिर से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 72 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया जाना जनता के ऊपर अत्याचार है। त्योहारों के समय ट्रेनों को रद्द किये जाने का कांग्रेस विरोध करती है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों को पिछले चार सालों से अचानक रद्द करने का सिलसिला चल पड़ा है। वर्तमान में भी 72 से अधिक ट्रेनों को राजनांदगांव कलमना रेलखंड के बीच तीसरी लाईन जोड़ने के नाम पर रद्द कर दिया गया है। रेलवे का यह कदम बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे समय में जब देश का प्रमुख त्योहार रक्षाबंधन है, छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार हरेली है। इस समय इतनी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जाना रेल यात्रियों के ऊपर अत्याचार है। रेलवे को यदि मेंटेनेंस करना था तो इसके लिये काम की समय सारणी का ऐसा प्रबंध किया जाना चाहिये जिससे यात्री सुविधायें बाधित न हो।

दीपक बैज ने कहा कि पिछले चार वर्षो से देश की रेल सुविधाएं पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। यात्री ट्रेनों की बिना कारण बताये रद्द कर दिए जाने का फरमान जारी कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली सैकड़ो यात्री ट्रेनों को अनेको बार महीनो तक के लिए रद्द किया गया है। महीनो पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन करवाने वाले यात्री रेलवे की इस मनमानी से परेशान होते है। त्योहारों, छुट्टियों, शादी ब्याह के सीजनों मे रेल्वे बिना बताए, बिना कारण के यात्री ट्रेनों को रद्द कर देती है। रेलवे द्वारा ट्रेनों को रद्द किये जाने का कारण मेंटेनेंस बताया जाता है। जबकि उन्ही ट्रेको पर यात्री ट्रेनों से 50 गुना अधिक क्षमता की मालवाहक ट्रेनों को चलाया जाता है। छत्तीसगढ़ से निकलने वाले कोयले का परिवहन कर दूसरे प्रदेश को भेजने के लिए भी छत्तीसगढ़ की यात्री सुविधाओं को बाधित किया गया।

बैज ने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने आज ट्रेनों को रद्द किये जाने के खिलाफ ज्ञापन भी सौपा। भविष्य में यदि ट्रेनों को रद्द किये जाने का सिलसिला नहीं रुका तो कांग्रेस पार्टी उग्र आंदोलन करेगी। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि केंद्र सरकार यात्री ट्रेनों को नियमित चालन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही यात्री सुविधाओं विकलांग, बुजुर्ग, रिटायर्ड, सैनिकों, छात्रों, बच्चों को पूर्व में मिलने वाली रियायते बहाल की जाए तथा रेलवे के निजीकरण के षड्यंत्र पर तत्काल विराम लगे।

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