नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राजधानी में वर्षा-जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र की जताई जरूरत

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नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में राज्य की विकास योजना प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य की प्राथमिकताओं और विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें शिक्षा, मानव संसाधन विकास , स्वास्थ्य, और तकनीकी उन्नति पर जोर दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रस्तावित योजनाओं को साझा किया, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में राज्य की भूमिका को स्पष्ट करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत में प्रमुख भूमिका निभाएगा। वर्तमान में राज्य का GSDP 5.05 लाख करोड़ रुपये है, जिसे अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और लक्ष्यों पर काम शुरू किया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का मुख्य फोकस स्किल्ड मानव संसाधन तैयार करने पर है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा को व्यावसायिक कौशल और ट्रेनिंग से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को ऐसी क्षमताएँ देना है जो उन्हें रोजगार के लिए तैयार करें। राज्य में प्रत्येक छात्र के लिए ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी कार्ड’ ( APAAR आईडी ) बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें छात्र के शैक्षणिक अनुभव से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप में मौजूद होंगी।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता, सतत विकास, और राज्य की संस्कृति व परंपरा के संरक्षण की योजना साझा की। आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ सुपर फूड्स की पैदावार और प्राकृतिक औषधालयों का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ सड़कों, इमारतों जैसी भौतिक संरचनाओं और इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क जैसी डिजिटल सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।

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