राजनांदगांव। कोरोना कल से बंद रक्षाबंधन का पर्व जिला जेल में 4 वर्ष बाद एक बार फिर भाई-बहनों के लिए मनाए जाने की शुरुआत कर दी गई है। मुख्यालय जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं छत्तीसगढ़ के निर्देश अनुसार आज जिला जेल राजनांदगांव में रक्षाबंधन का पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों के आंसू छलक पड़े।
राजनांदगांव जिला जेल में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाने व्यवस्था की गई थी यहां कड़ी सुरक्षा के साथ ही अपने भाइयों को राखी बांधने बहनों को दिक्कत ना हो इसको लेकर भी काफी बेहतर व्यवस्था बनाई गई। जिला जेल के मुख्य द्वार पर स्टॉल लगाकर राखी बांधने पहुंचने वाली बहनों की एंट्री उनके आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र देखकर की गई। वहीं यहां पर मोतियों,धागों से बनी राखी और मिठाई के रूप में सोनपापड़ी के बाक्स की जांच उपरांत बहनों को सीधे जेल के भीतर प्रवेश दिया गया। जेल के भीतर बहनों को केवल राखी और ढाई सौ ग्राम सोन पापड़ी लेकर प्रवेश करना था। वहीं आरती की थाली जेल प्रशासन द्वारा मुहैया कराई गई। रायपुर के भाटागांव से अपने भाई को राखी बांधने पहुंची संगीता सोनकर, तामेश्वरी सोनकर और राजनांदगांव शहर के लखोली से पहुंची आरती वालदे ने कहा कि जेल प्रशासन द्वारा काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। अपने भाई को राखी बांधने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई और भाई से भी काफी देर मुलाकात भी हो गई।
जिला जेल में 4 वर्ष बाद आयोजित किए गए रक्षा बंधन के पर्व को उत्साह पूर्वक मनाने के लिए जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं के निर्देश पर यहां पूरी व्यवस्था की गई। जेल अधीक्षक अक्षय सिंह राजपूत ने बताया कि आज जेल में स्पेशल डाइट बंदियों के लिए बनाई गई है। वहीं यहां वर्तमान में 357 बंदी है जिसमें से 250 से अधिक बंदियों की बहनों के आने की संभावनाओं को देखते हुए पूरी व्यवस्था की गई है।
जिला जेल के भीतर रक्षाबंधन का पर्व मनाने के लिए परिरूद्ध बंदियों में भी खासा उत्साह था। सुबह से ही बंदी रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के लिए तैयार हो गए थे और अपनी बहनों के आने का इंतजार भी वे करने लगे। सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जेल प्रशासन द्वारा राखी बांधने की व्यवस्था की गई थी, जिसकी सूचना पहले ही जारी कर दी गई थी और बहने भी सुबह से ही अपने भाइयों को राखी बांधने जेल परिसर पहुंचने लगी। इस दौरान यहां बहनों की काफी भीड़ भी नजर आई।