नशे में ट्रक चला रहे खलासी ने सो रहे दर्जनों लोगों को रौंदा, 5 लोगों की मौत, 6 घायल

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त्रिशूर। जिले में मंगलवार को तड़के एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक ट्रक सड़क किनारे लगे तंबू में घुस गया। तंबू के अंदर कई लोग सो रहे थे, जिनपर ट्रक चढ़ गया। इस हादसे में वहां सो रहे दो बच्चों समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि छह लोग घायल बताए जा रहे हैं।

टेंट में सो रहे थे लोग

पुलिस ने बताया कि खानाबदोश लोग वलपड़ पुलिस थाना क्षेत्र के नट्टिका में नेशनल हाइवे के किनारे सो रहे थे। ये सभी लोग तंबु बनाकर उसके अंदर सो रहे थे। इसी बीच तड़के साढ़े चार बजे ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। पुलिस के अनुसार मरने वालों में डेढ़ साल एवं चार साल के दो बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं।

नशे में थे चालक और खलासी

पुलिस के मुताबिक बताया कि ट्रक कन्नूर से लकड़ी लेकर आ रहा था। हादसे के दौरान ट्रक को खलासी चला रहा था, जिसके पास लाइसेंस भी नहीं था। हादसे के समय दोनों नशे में थे। उन्होंने बताया कि दोनों को हिरासत में ले लिया गया है।

गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

वहीं घटना के बाद त्रिशूर शहर के पुलिस आयुक्त आर इलांगो घटनास्थल पर पहुंचे और मौके का मुआयना किया। उन्होंने बताया कि बीएनएस के गैर-जमानती प्रावधान के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस अपराध के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान है।

स्थानीय लोगों ने पकड़ा

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों के अनुसार, वाहन तेज गति से आ रहा था और हादसे के बाद चालक और खलासी ने भागने का प्रयास किया। अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों ने दोनों पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।’’

घायलों का चल रहा इलाज

वहीं जिलाधिकारी अर्जुन पांडियन ने भी घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि सभी घायलों का त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी है। घायलों में से दो की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।’’

हादसे की होगी जांच

वहीं राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि पुलिस और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, चालक और खलासी ने गंभीर चूक की। उन्होंने कहा कि उन परिस्थितियों के संबंध में भी जांच की जाएगी जिनके कारण पीड़ितों को सड़क के किनारे सोने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 

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