अंतरिक्ष से मंडरा रहा महाविनाश का खतरा… हो सकती लाखों की मौत, वैज्ञानिक बोले– परमाणु हमले जितनी होगी तबाही

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नई दिल्ली:  धरती पर आपदाओं की फेहरिस्त में अब एक ऐसा खतरा जुड़ गया है, जो इंसानी आंखों से नहीं, बल्कि सीधे अंतरिक्ष से आ रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कुछ विशाल एस्टेरॉयड, जो सूरज और शुक्र ग्रह के बीच छिपे हुए हैं, धरती की कक्षा में घुस सकते हैं और टकराने पर पूरे शहरों को तबाह कर सकते हैं।

ये एस्टेरॉयड इतने खतरनाक हैं कि यदि इनमें से कोई भी धरती से टकराता है, तो इसका असर किसी परमाणु हमले से कम नहीं होगा। लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि इन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो रहा है, क्योंकि ये सूरज की तेज रोशनी और शुक्र ग्रह की स्थिति के कारण वैज्ञानिक टेलिस्कोप की पकड़ में नहीं आ रहे।

रास्ता बदलते रहते हैं ‘खामोश हत्यारे’
शुक्र ग्रह की कक्षा के पास घूमते ये एस्टेरॉयड अचानक अपनी दिशा बदल सकते हैं, क्योंकि वहां मौजूद गुरुत्वाकर्षण बल उन्हें खींच सकता है। बार-बार मार्ग बदलने के कारण ये पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर सकते हैं और तबाही का कारण बन सकते हैं।

धरती के टेलिस्कोप भी फेल
ब्राजील के खगोलशास्त्रियों के अनुसार, वर्तमान में धरती पर मौजूद टेलिस्कोप इन एस्टेरॉयड की सटीक स्थिति नहीं पकड़ पा रहे हैं। सूर्य की तीव्र रोशनी की वजह से शुक्र ग्रह के आस-पास की जगह एक तरह से ‘ब्लाइंड ज़ोन’ बन गई है, जहां देखना या स्कैन करना लगभग नामुमकिन है।

नाम भी दिए गए, पर खतरा बरकरार
वैज्ञानिकों ने अब तक जिन एस्टेरॉयड की पहचान की है, उनमें 2020 एसबी, 524522 और 2020 सी1 शामिल हैं। इनका आकार 100 से लेकर 400 मीटर व्यास तक है, जो अगर घनी आबादी वाले किसी शहर से टकराएं, तो लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।

विशेष अंतरिक्ष मिशन की मांग
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि धरती की सुरक्षा के लिए शुक्र ग्रह के आस-पास विशेष अंतरिक्ष मिशन शुरू किया जाना चाहिए। इससे उस ब्लाइंड ज़ोन की गहन जांच संभव होगी और एस्टेरॉयड की पहचान पहले से की जा सकेगी, जिससे आपदा से समय रहते बचाव किया जा सके।

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