नई दिल्ली/दोहा। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयान से पलट गए हैं। पहले जहां उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को “मध्यस्थता” कर सुलझाया, वहीं अब उन्होंने कहा है कि “मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने जरूर मदद की।”
ट्रंप यह बयान कतर के दोहा में आयोजित एक कार्यक्रम में दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों अब “बहुत खुश” हैं और व्यापार पर बात कर रहे हैं। हालांकि, इसी बातचीत में ट्रंप खुद उलझते दिखे और यह कहते सुने गए कि, “ये लोग 1000 सालों से लड़ते आ रहे हैं, मैं नहीं जानता कि मैं इसे सुलझा सकता हूं। यह एक कठिन मामला है।”
भारत ने पहले ही खारिज किया था ट्रंप का दावा
ट्रंप के इस ताजा बयान से पहले जब उन्होंने सीजफायर में अमेरिकी भूमिका का दावा किया था, तब भारत सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। भारत ने साफ कहा था कि यह फैसला दोनों देशों के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच हुई बातचीत से हुआ था, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
अब ट्रंप का खुद यह कहना कि उन्होंने केवल “मदद” की, “मध्यस्थता” नहीं, भारत के पहले के रुख की ही पुष्टि करता है। यह घटनाक्रम एक बार फिर ट्रंप की कूटनीतिक विश्वसनीयता और बयानबाजी पर सवाल खड़े करता है।