भारत द्वारा 7 मई को मिशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पंजाब के आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में जनता का मूड बदलता दिखाई दे रहा है। गैलप पाकिस्तान द्वारा कराए गए ताजा सर्वे में करीब 2 करोड़ पाक नागरिकों ने साफ कहा है कि अगर भारत से युद्ध हुआ, तो वे सेना का साथ नहीं देंगे।
भारत की सख्त कार्रवाई के बाद जनता में असंतोष
भारतीय सेना की कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया और 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर झूठे आरोप लगाए, लेकिन देश के अंदर ही बड़ी संख्या में लोग सेना और सरकार की नीति के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
महंगाई, बेरोजगारी और सेना के जुल्मों से परेशान लोग
इन 2 करोड़ लोगों का मानना है कि युद्ध पाकिस्तान के लिए आत्मघाती होगा। पहले से ही पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट, गिरती जीडीपी और आंतरिक अस्थिरता से जूझ रहा है। जनता अब शांति और स्थायित्व चाहती है, न कि एक और युद्ध।
93% फिर भी चाहते हैं युद्ध – दो ध्रुवों में बंटा पाकिस्तान
गैलप के अनुसार, 93% लोग अभी भी भारत से युद्ध के पक्ष में हैं, लेकिन ये सर्वे यह भी दिखाता है कि 7% यानी लगभग 2 करोड़ लोग सेना और सरकार की युद्ध नीति के खिलाफ हैं। ये आंकड़े पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक, सामाजिक और सैन्य हालातों का कड़ा संदेश देते हैं।
सेना के खिलाफ खुलकर बोल रहे लोग
पाकिस्तानी सेना पर दमनकारी रवैये, भ्रष्टाचार, और आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों से जनता में गुस्सा बढ़ा है। ऐसे में अब बड़ी संख्या में लोग न सिर्फ युद्ध का विरोध कर रहे हैं, बल्कि सेना का भी खुलकर विरोध कर रहे हैं, और भारत के साथ शांति की वकालत कर रहे हैं।