रायपुर :- भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना एक बड़े घोटाले की चपेट में आ गई है। रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाली फोरलेन सड़क परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण में 43 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी शुरू कर दी है। इस मामले में दर्ज एफआईआर और जांच रिपोर्ट की प्रतियां ED ने तलब की हैं, जिससे जांच में तेजी आ गई है।
अब तक 11 से ज्यादा आरोपी सामने आए
जांच में अब तक 11 से अधिक लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन, उमा देवी और केदार तिवारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी करने का आरोप है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता
FIR में तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण और आरआई रोशन वर्मा का नाम शामिल है। इसके अलावा पटवारी दिनेश पटेल, जितेंद्र साहू, लेखराम देवांगन और बसंती धृतलहरे भी आरोपी बनाए गए हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी दीपक देव, नरेंद्र नायक और जीआर वर्मा, कोटवार यशवंत कुमार और कारोबारी विनय गांधी पर भी आरोप हैं। जिला पंचायत के कुछ सदस्य भी अब ईओडब्ल्यू (EOW) की जांच के दायरे में हैं।
जमीन मालिकों और दलालों की मिलीभगत
जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ जमीन मालिकों ने दलालों के साथ मिलकर साजिश रची और गलत दस्तावेजों के जरिए मुआवजा राशि बढ़वा ली। इन लोगों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
ऐसे हुआ घोटाला
घोटाले का केंद्र अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला रहा, जहां भू-माफियाओं ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर एक ही जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटकर 80 नए नाम रिकॉर्ड में दर्ज करा दिए। 559 मीटर की जमीन की कीमत 29.5 करोड़ से बढ़ाकर 78 करोड़ रुपये दिखा दी गई। NHAI की आपत्ति के बाद यह घोटाला उजागर हुआ। अब तक 246 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है, जबकि 78 करोड़ की राशि रोकी गई है।
ACB और EOW की संयुक्त कार्रवाई
30 अप्रैल को ACB और EOW की संयुक्त टीम ने दशमेश डेवलपर्स के तेलीबांधा स्थित ऑफिस पर छापा मारा। यह कंपनी भावना कुर्रे और हरमीत सिंह खनूजा की है। भावना, आरोपी तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं। 26 अप्रैल को खनूजा की गिरफ्तारी के बाद उससे हुई पूछताछ के आधार पर यह कार्रवाई की गई।