छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य, रजिस्ट्री के साथ तुरंत नामांतरण की ऐतिहासिक पहल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ ने राजस्व नामांतरण प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया है। अब राज्य में जमीन, मकान या दुकान की रजिस्ट्री के तत्काल बाद खरीदार का नाम ‘भुइयां’ सॉफ्टवेयर में स्वचालित रूप से दर्ज हो जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत भूमि रिकॉर्ड की प्रति भी तुरंत उपलब्ध होगी, जिससे नामांतरण की लंबी, जटिल और कई बार भ्रांतिपूर्ण प्रक्रिया का अंत हो गया है।

पहले नामांतरण के लिए आम नागरिकों को तहसील कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे और महीनों का इंतजार करना पड़ता था। अब रजिस्ट्री के समय ही पंजीयक को नामांतरण का अधिकार दे दिया गया है, जिससे पटवारी और तहसीलदार की भूमिका इस प्रक्रिया में समाप्त हो गई है। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और अनावश्यक देरी पर भी अंकुश लगेगा।

डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था की ओर कदम

राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस पहल को छत्तीसगढ़ के डिजिटल और पारदर्शी भूमि प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि “भुइयां पोर्टल के जरिए भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण पहले ही शुरू हो चुका है। अब स्वचालित नामांतरण से यह प्रणाली और अधिक मजबूत और विश्वसनीय बनेगी।”
हालांकि इस नई व्यवस्था को लेकर कुछ लोगों ने तकनीकी खामियों और कानूनी जटिलताओं की आशंका जताई है। उनके अनुसार, यदि सॉफ्टवेयर या प्रक्रिया में कोई त्रुटि आती है, तो उसे सुधारने के लिए स्पष्ट व्यवस्था होनी चाहिए।

सरकार का भरोसा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भरोसा जताया है कि नई प्रणाली को बेहद सावधानीपूर्वक लागू किया गया है और किसी भी संभावित समस्या के समाधान के लिए पूर्ण तैयारी की गई है। सरकार ने इसे सुशासन और जनहित में एक बड़ा सुधार बताया है।

अन्य राज्योंए आ के लिदर्श

छत्तीसगढ़ की यह पहल पूरे देश में एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है। उम्मीद है कि अन्य राज्य भी जल्द ही इस डिजिटल सुधार का अनुसरण करेंगे और भूमि प्रबंधन प्रणाली को अधिक पारदर्शी और नागरिक हितैषी बनाएंगे।

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