रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट आज बंद हो गए। आज सुबह 4 बजे से विधि-विधान के साथ पूजा हो रही थी। सुबह 8.30 बजे कपाट बंद कर दिए गए। अब 6 महीने के लिए केदारनाथ उखीमठ में दर्शन देंगे।
कब बंद होते हैं कपाट?
भैया दूज के दिन कपाट बंद किए जाते हैं। इस मौके पर पंचमुखी मूर्ति को चल विग्रह डोली में रखा जाता है। फिर चल विग्रह डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर पहुंचेगी। गौरीकुंड, सोनप्रयाग होते हुए आज रामपुर में डोली पहुंचेगी। 5 नवंबर को ओंकारेश्वर में केदारनाथ विराजमान होंगे।
इस साल 16 लाख यात्री केदारनाथ धाम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। पिछले 6 दिन में 1 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे थे। आज ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होंगे।
मंदिर परिसर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया
साढ़े आठ बजे सभा मंडप के साथ मंदिर के मुख्य कपाट बंद कर दिए गए। हजारों श्रद्धालु इस मौके पर केदारनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचे। पूरे मंदिर परिसर को 10 क्विटंल फूलों से सजाया गया है। आज केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को चल विग्रह डोली के ज़रिए उखीमठ के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए डोली आज रात को रामपुर में विश्राम करेगी। इसके बाद 5 नवंबर से उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ के दर्शन होंगे। पूरी सर्दी के दौरान केदारनाथ यहीं पर विराजते हैं। इस साल केदारनाथ में 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पिछले 6 दिनों में ही 1 लाख के करीब श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे हैं। आज कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह है।
इससे पहले कल गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।