रायपुर । सांसद बृजमोहन अग्रवाल मंगलवार को नई दिल्ली में लोकसभा सचिवालय में रसायन और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति की बैठक में शामिल हुए और विभाग से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। समिति ने उन विषयों को जिन्हें पूर्व समिति द्वारा विचार हेतु लिया गया था, परंतु जिनके संबंध में समिति जांच पूरी नहीं कर सकी थी और उन पर प्रतिवेदनों को प्रस्तुत नहीं कर सकी थी, पर चर्चा हुई।रसायन और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति का गठन 26 सितम्बर, 2024 को किया गया है।
समिति का क्षेत्राधिकार रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के निम्नलिखित विभाग इस समिति के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत उर्वरक विभाग, रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग और औषध विभाग आते हैं। समिति के कार्य रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तीनों विभागों की अनुदानों की मांगों पर विचार करना और उनके संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है। साथ ही रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से संबंधित ऐसे विधेयकों की जांच करना जो माननीय अध्यक्ष, लोक सभा अथवा माननीय सभापति, राज्य सभा द्वारा, यथास्थिति, समिति को सौंपे गए है और उनके संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है।समिति मंत्रालयों/विभागों के वार्षिक प्रतिवेदनों पर विचार करना और उनके संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना और दोनो सभाओं में प्रस्तुत राष्ट्रीय दीर्घावधि नीति संबंधी दस्तावेजों, अध्यक्ष लोक सभा अथवा सभापति, राज्य सभा, यथास्थिति, द्वारा समिति को सौंपे गए हों पर विचार करना और उन पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है।
स्थायी समितियां संबंधित मंत्रालयों/विभागों के दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक मामले तथा वे मामले जो अन्य संसदीय समितियों के विचाराधीन है, पर विचार नहीं करती हैं।
औषध विभाग से संबंधित 04 विषयों का चयन किया गया
2023-24 के कार्यकाल के दौरान, समिति ने 08 प्रतिवेदन, अर्थात् 02 विषय संबंधी प्रतिवेदन और रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तीन विभागों से संबंधित 06 की गई कार्रवाई प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। इस दौरान समिति ने विस्तृत जांच हेतु 15 विषयों यथा उर्वरक विभाग से संबंधित 05 विषयों, रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग से संबंधित 06 विषयों और औषध विभाग से संबंधित 04 विषयों का चयन किया गया है।