नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक नई आबकारी नीति की घोषणा की है, जिसके तहत निजी रिटेल विक्रेताओं को शराब बेचने की अनुमति दी गई है. यह नीति हरयाणा जैसे अन्य राज्यों के अनुभवों पर आधारित है और राज्य को 5,500 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त करने की उम्मीद है.
इस नई नीति के तहत 3,736 रिटेल दुकानों को नोटिफाई किया गया है और यह 12 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगी. सरकार का लक्ष्य कम आय वर्ग के लोगों को सस्ती शराब उपलब्ध कराना है, जिसके लिए ₹99 या उससे कम कीमत पर शराब पेश की जाएगी. इसका उद्देश्य अवैध शराब की मांग को कम करना है और राष्ट्रीय उत्पादकों को भी इस मूल्य पर अपने ब्रांड पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
नए शराब नीति के तहत, पिछले पांच वर्षों में बिक्री में आई गिरावट को उलटने की उम्मीद है, जिससे आंध्र प्रदेश को शीर्ष तीन बाजारों में शामिल किया जा सके. इस नीति का कार्यकाल दो वर्ष होगा जो नियामक वातावरण में स्थिरता और पूर्वानुमान्यता को बढ़ावा देगा, जिससे रिटेल विक्रेताओं की भागीदारी बढ़ेगी.
आंध्र प्रदेश का शराब बाजार पिछले पांच वर्षों में आधा हो गया है जिसका कारण लगातार मूल्य वृद्धि और स्थानीय खिलाड़ियों को प्राथमिकता देना रहा है. भारत के बीयर उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा है कि उन्हें राज्य में हजारों करोड़ के नए निवेश की उम्मीद है क्योंकि प्रत्येक ब्रेवरी की लागत ₹300 करोड़ से ₹500 करोड़ के बीच होती है.