रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। साय ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पर्यटन दिवस का आयोजन किया जाता है।
साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ पर्यटन की संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य है। यहां के अनेक स्थल हमारी प्राचीन पौराणिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हुए हैं। यहां प्राकृतिक सौंदर्य के मनोरम स्थलों के साथ धार्मिक और पौराणिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के कई स्थान हैं। नदियां, झरने, जल प्रपात, सघन वनों से आच्छादित प्राकृतिक पर्यटन स्थल बरबस ही पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राज्य सरकार इन स्थानों को विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
प्राचीन दंडकारण्य वन और माता कौशल्या की जन्म-स्थली हमारे गौरव
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राचीन दंडकारण्य वन और माता कौशल्या की जन्म-स्थली हमारे गौरव हैं। इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात, सिरपुर का प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर और बस्तर का दशहरा पूरे देश में प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि छत्तीसगढ़ के रामगढ़ की पहाड़ियों में महाकवि कालीदास ने मेघदूत की रचना की है। यहां सबसे प्राचीन नाट्यशाला है। श्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का पर्यटन परिदृश्य एवं सांस्कृतिक परंपरा अनोखी है। छत्तीसगढ़ के पौराणिक महत्व और उसकी खूबसूरती से देश-दुनिया का परिचय कराने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।