एसीबी के सूत्रों ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ के भिलाई, रायगढ़ समेत कर्नाटक, झारखंड और राजस्थान में छापा मारी है। बताते हैं, पूरा सिस्टम जब स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा था, तब एसीबी इन तीनों अफसरों के यहां दबिश के लिए खाका तैया कर रही थी। एसीबी ने इन तीनों अफसरों से जुड़े ठिकानों पर छापा मारने के लिए 19 स्पेशल टीम तैयार की थी। हालांकि, एसीबी के पास इतनी बड़ी टीम नहीं है। सो समझा जाता है कि राज्य पुलिस से भी फोर्स लिया गया होगा। मगर कार्रवाई इतनी गोपनीय रखी गई कि किसी को कानो कान खबर नहीं हो पाई। एसीबी की 19 टीमें 14 अगस्त को कर्नाटक, राजस्थान और झारखंड के लिए रवाना हो गई थी। रायगढ़ और भिलाई के लिए कल देर रात रायपुर एयरपोर्ट के एक सूनसान जगह पर एसीबी के अधिकारी एकत्रित हुए और वहां से भी टारगेट के लिए रवाना हुए।
समीर के ससुराल में
एसीबी ने आज सुबह पांच बजे छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस समीर विश्नोई के राजस्थान के अनूपगढ़ स्थित ससुराल में दबिश दी। वहां समीर के साले का परिवार रहता है। एसीबी टीम ने जब वहां पहुंची तो रिमझिम बारिश हो रही थी। लिहाजा, पूरा परिवार गहन निद्रा में था। कॉलबेल बजाने पर उनके परिवार की एक महिला बाहर आई, तो छत्तीसगढ़ की टीम ने अपना परिचय दिया। उनके साथ राजस्थान पुलिस भी सादे ड्रेस में थी। एसीबी के अधिकारियों ने दो दिन पहले ही राजस्थान पुलिस ने लाइनअप कर लिया था। बता दें, समीर की पत्नी प्रीति गोदारा की मां जयपुर की महापौर रह चुकी है। समीर विश्नोई के यहां ईडी ने छापा मारा था, उस समय उनके आवास से 4 किलो सोना, 20 कैरेट का हीरा और 47 लाख नगद बरामद हुआ था। बाद में समीर की सास ने कहा था कि सोना उनका है। बहरहाल, इसी मामले में एसीबी टीम ने आज रेड किया है।
तीनों अधिकारी जेल में
आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू और छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। बहुचर्चित कोल स्कैम में इन तीनों अधिकारियों के यहां ईडी ने छापा मारा था। इसमें समीर विश्नोई के यहां 4 किलो सोना और 47 लाख रुपए मिले थे। रानू साहू और सौम्या चौरसिया के यहां कोल स्कैम में लेनदेन के काफी साक्ष्य मिले थे। इस आधार पर ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में ईडी ने इस केस को छत्तीसगढ़ के एसीबी को सौंप दिया।
2009 और 2010 बैच के आईएएस
समीर विश्नोई 2009 बैच और रानू साहू 2010 बैच की आईएएस हैं। समीर कोंडगांव के कलेक्टर रहने के बाद माईनिंग कारपोरेशन के एमडी रहे। वहीं, रानू साहू कांकेर, बालोद और कोरबा की कलेक्टर रहीं। रायगढ़ कलेक्टर रहने के दौरान ही उनके यहां ईडी का छापा पड़ा था।