रायपुर। कोयला घोटाला में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर ली है। कोर्ट ने रानू साहू को नियमित जमानत दे दी है। उनके साथ ही सुनील अग्रवाल और दीपेश टांक की भी जमानत मंजूर कर ली है। इससे पहले आरोपियों की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद कोयला घोटाला के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के दहलीज पर पहुंचे थे। बता दें कि ईओडब्ल्यू में दर्ज मामले के कारण निलंबित आईएएस रानू साहू को अभी जेल में ही रहना होगा।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, राज्य के 500 करोड़ से अधिक के कोयला घोटाले के आरोप में ED ने 21 जुलाई 2022 को रानू साहू के घर दबिश देकर 22 जुलाई को गिरफ्तार किया था। साथ ही 11 अक्टूबर 2022 को कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। ईडी उस वक्त कोयला परिवहन और कोल लेवी वसूली के मामले पर सैकड़ों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था।
कोयला घोटाला मामले पर न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद रानू साहू और सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में 15 फरवरी 2023 को कोर्ट में जमानत याचिका लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उस वक्त सुनील अग्रवाल ने मेडिकल ग्राउंड देते हुए अपने इलाज से संबंधित जमानत के लिए आवेदन लगाया था।
ईडी ने कोयला घोटाला और लेवी वसूली के मामले पर कोयला कारोबारी इंद्रामणि ग्रुप के सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई, दीपेश टांक समेत कई आरोपियो को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी ज्यूडीशियल रिमांड पर जेल में अभी भी बंद है। इस पूरे मामले पर ईओडब्ल्यू ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है, जिसके बाद कई आरोपियों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज की गई है।
छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ से अधिक के कोयला घोटाला मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 जुलाई को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (सीपीसीसी) के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल के परिसरों पर छापेमारी की। अगले दिन ईडी अधिकारियों ने मामले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ कृषि विभाग की निदेशक आईएएस अधिकारी रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया था।