अनूपपुर :- जिले में वैसे तो अनूपपुर स्वास्थ विभाग अपनी कामयाबी के डींगे हाक खुद की पीठ थपथपाते थकता नहीं है ! लेकिन शायद ही बीते कुछ वर्षो में जिले के बैगा जनजातीय क्षेत्रों में डायरिया की वजह से दर्जनों मौते न हुई हो ! चाहे ग्राम महोरा, कालाडाही, आमटोला, गढ़ीददार, चौरादादर,चारकुमार जैसे गांवो मे पहले देखने को मिला है। उसी क्रम में इस वर्ष की पहली चपेट ग्राम सालार गोंडी में दिखाई दी। जहाँ एक ही परिवार के गर्भवती महिला समेत 4 लोगो की मौत हो गई।
वही बचे अन्य 4 गंभीर रूप से डायरिया ग्रसित होने पर रेफर किया गया है।
अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत करपा के समुदायिक स्वास्थ केंद्र में आने वाले ग्राम सालारगोंदी में डायरिया का प्रकोप तबाही मचा रहा है बीते दिन दो दिनों में एक ही परिवार के 4 लोग काल के गाल में समा गए। जिसमे मां,बेटा,बहु और पेट में पल रहा 8 माह का नाती सामिल है ! जिसने अभी आंखे भी नही खोली थी वह स्वास्थ विभाग व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही से दुनिया झोड़ गया । इसी परिवार के बचे 4 लोग गंभीर पीड़ित पाए गए है जिन्हे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
बैगा जनजाति निवास वाले स्थानों में न तो शुद्ध पेय जल की व्यवस्था है और ना ही इन्हें सुगमता से इलाज मुहैया होता है यही वजह है की प्रति वर्ष 50 से अधिक जाने डायरिया,मलेरिया हैजा जैसी बीमारियों से जाति है विभाग तो अपना पल्ला झाड़ा लेते है लेकिन पीड़ित परिवार सदमे से कभी नही उभर पता, जहां अभी दो दिन के अंदर 4 मौतें हुई है वहा दर्जनों डायरिया से पीड़ित लोग बिना इलाज व गंदे पानी के साथ जीना और मरना के बीच फसे हुए है।जब इस पूरे मामले पर हमारी टीम ने पीड़ित परिवार से बात की तब उन्होंने बताया की मरने वालो को उल्टी दस्त की समस्या रही है लेकिन स्वास्थ विभाग अपना पल्ला झाड़ा रहा है।