बिलासपुर। लोकसभा चुनाव के दौरान जारी आदर्श आचरण संहिता के बीच में राज्य शासन ने दो शिक्षकों का तबादला कर दिया। इस आदेश को चुनौती देते हुए शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने शासन के आदेश को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच के फैसले को शिक्षकों ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, डीईओ रायपुर व जगदलपुर के 14 मार्च 2024 और 15 मार्च 2024 के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने शासन से कहा कि आदेश की कापी मिलने के दो सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता शिक्षकों के प्रकरण का निराकरण करें।
शिक्षक मिरी राम देवांगन व दयानाथ कश्यप ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से राज्य शासन व जिला शिक्षाधिकारी के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने 14 और 15 मार्च.2024 के स्थानांतरण आदेशों को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की थी। आचार संहिता के दौरान द्वेषपूर्ण स्थानांतरण का आदेश याचिकाकर्ताओं ने लगाया है। याचिका के अनुसार जिला शिक्षाधिकारी और ब्लाक शिक्षाधिकारी, जिन्होंने उपरोक्त स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं, उनके पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
स्थानांतरण नीति 12 अगस्त 2022 के अनुसार, स्थानांतरण आदेश प्रभारी मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद कलेक्टर द्वारा पारित किया जाना चाहिए था। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि चुनाव के दौरान जारी आदर्श आचरण संहिता के बीच यह आदेश जारी किया गया है। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य शासन व जिला शिक्षाधिकारी द्वारा जारी आदेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने राज्य शासन से कहा कि फैसले की कापी मिलने के दो सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं के दावे पर दोबारा विचार कर निर्णय लें।