रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी पर नहीं आ रही हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्जन, महिला, बाल रोग समेत विशेषज्ञ डाक्टरों की भारी कमी है। प्रदेश में वर्तमान में 1,734 विशेषज्ञ डाक्टरों का सेटअप है, जबकि सिर्फ 499 पर नियुक्ति हो पाई है।
प्रदेश में काफी लंबे समय से 1,235 पद रिक्त पड़े हुए हैं। दंत चिकित्सा के भी 137 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 31 रिक्त हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत राज्य, जिला, विकासखंड और सेवा प्रदाता स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के 21,927 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 15,212 पद रिक्त हैं।
प्रदेश में भाजपा की सरकार गठन के बाद पहले विधानसभा सत्र में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने 5,000 पदों पर डाक्टर और चिकित्सा कर्मियों की भर्ती की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि 24 घंटे के अंदर ढाई सौ से अधिक पद एनएचएम के माध्यम से भरे जाने के लिए आवेदन मंगाए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री के घोषणा के चार माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक एक भी पद भरे नहीं जा सके हैं। चिकित्सा कर्मचारियों के भी पद रिक्त पड़े हैं।
तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त
प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद भी खाली पड़े हुए हैं। प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 20,809 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 13,433 कार्यरत हैं। 7,376 पद रिक्त हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, प्रदेश में डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। पीएससी और व्यापमं के माध्यम से भर्ती होनी है। पीएससी को जानकारी भेजी जा चुकी है। व्यापमं से भर्ती के लिए सूची तैयार कर भेजने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिले स्तर पर जो भर्ती होनी है, उसे जल्द पूरा किया जाएगा।