CG News | Journalist along with 2 girls arrested in Baloda Bazaar sextortion case
बलौदा बाजार। बलौदा बाजार में सेक्सटॉर्शन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने गिरोह के 3 प्रमुख आरोपी दुर्गा टंडन और प्रत्युष उर्फ मोंटी मरैया को बनारस से तो रवीना टंडन को बिलासपुर से गिरफ्तार किया है। गिरोह के कई सदस्य फरार है जिसमें एक पत्रकार भी शामिल है। बताया जा रहा है कि सेक्सटॉर्शन के इस मामले में बलौदाबाजार के कई रईस गिरोह के शिकार हो चुके है।
बताया जा रहा है की यह गिरोह पिछले एक साल से बलौदा बाजार शहर के रहीस, बड़े व्यापारी और अधिकारी को अपने मायाजाल में फंसाकर पहले कालगर्ल भेजते थे फिर उनकी फोटों और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलते थे। आरोपियों के लगातार ब्लैक मेलिंग से परेशान करीब 4 लोगों ने पुलिस में जाकर शिकायत की तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। 2 दिन पहले इस मामले में बलौदा बाजार के वकील महान मिश्रा को गिरफ्तार किया था। इस तरह इस पूरे मामले में गिरोह के 4 लोगो की गिरफ्तारी की गई है। मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी ने बताया कि अब तक 4 पीडि़तों से गिरोह ने ब्लैकमेलिंग कर करीब 41 लाख रुपए वसूले हैं। गिरोह के मास्टर माइंड शिरीष पांडे, पुष्पा फेकर और फर्जी पत्रकार आशीष शुक्ला अब तक फरार है जिसकी तलाश लगातार पुलिस कर रही है।
लोगों को ऐसे फंसाते थे गिरोह के सदस्य –
गिरोह के सदस्य बहुत ही सुनियोजित तरीके से बलौदाबाजार शहर एवं आसपास के धनाढ्य एवं विभिन्न शासकीय एवं प्राइवेट सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए लोगों को अपने झांसे में लेते थे। उन्हें महिला संबंधी अपराध में फंसाने एवं लोक-लाज का भय दिखाकर लाखों रुपए की मोटी रकम की वसूली की जाती थी। यह गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देता था। गिरोह के सभी सदस्यों के बीच काम का बंटा हुआ था। सभी सदस्य अपनी अलग-अलग भूमिका निभाते थे।
शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर –
यह दोनों इस गिरोह के मुख्य सरगना एवं मास्टरमाइंड हैं। इन दोनों के द्वारा ही बलौदाबाजार नगर में धनाढ्य एवं अन्य लोगों को चिन्हित किया जाता था, उसके पश्चात शिरीष पांडे द्वारा अपनी राजनीतिक पहुंच एवं पहचान का प्रभाव दिखाते हुए उनसे मेलजोल बढ़ाकर, उनको लड़की उपलब्ध करने का झांसा देते थे। इसके बाद गिरोह के सभी सदस्यों को एक्टिव कर प्रार्थी को भयादोहन कर उससे लाखों रूपये की वसूली की जाती थी।
मोंटी और दुर्गा करते थे लड़कियों की व्यवस्था मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया एवं दुर्गा टंडन दोनों आरोपी लोकल बलौदाबाजार के निवासी होने के कारण टारगेट पॉइंट (प्रार्थी) से मिलने एवं उन्हें फंसाने के लिए आने वाली लड़कियों के बलौदाबाजार शहर में रहने, खाने एवं अन्य सुविधाओं का इंतजाम करते थे। तत्पश्चात उस टारगेट से लड़की को मिलाने के बाद, उस लड़की को महिला संबंधी अपराध का प्रार्थी बनाते हुए थाने में रिपोर्ट करने के लिए ले जाने का नाटक किया करते थे। इस दौरान यह दोनों आरोपी उस लड़की के रिश्तेदार बनकर सामने प्रस्तुत हुआ करते थे।
लड़कियों का इंतजाम करती थी ‘हीराकली’ –
गिरोह की एक अन्य आरोपी है हीराकली, जो कि टारगेट को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करती थी। यही गिरोह से संपर्क के माध्यम से लड़कियों को बुलाकर टारगेट के पास भेजती थी।
पत्रकारिता के नाम पर कलंक –
यह आरोपी पत्रकारिता की आड़ में बहुत ही शातिर तरीके से आशीष शुक्ला टारगेट को धमकाने के लिए कहता कि उसका यह कृत्य न्यूज एवं प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा। इस प्रकार का लोक-लाज का भय दिखाकर वसूली करने का काम करता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आशीष शुक्ला द्वारा एक प्रार्थी से ₹1,25,000 का मांग किया था, जिसमें प्रार्थी द्वारा ₹75000 का भुगतान इसके दुकान में स्वयं जाकर किया था।