जर्जर पुल व घटिया सड़क से लौहनगरी वासियों को कब मिलेगी निजात

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सरकार द्वारा सड़क निर्माण कार्य के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है परंतु कागजों में गुणवत्तापूर्ण सड़क बन रही हैं और विकास अधिकारी एवं ठेकेदार की जेब मे हो रहीं हैं।

आनन फानन में हो रहीं गुणवंताहीन सड़क निर्माण

बचेली :- स्थनीय लोगों द्वारा सड़क निर्माण की मांग करते हुए कई साल बीत गए हैं और बड़ी मुश्किल से मांग पूरी होने के बाद सड़क बनाने की स्वीकृति मिली है परंतु ठेकेदार मेसर्स एन सी नहर द्वारा कछुआ गती कराई जा रहीं निर्माण कार्य से राहगीर परेशान तो थे ही लगातार जिसकी शिकायत करने पर अब काम में थोड़ी तेजी तो आई हैं परंतु आनन फानन में गुणवंता हीन निर्माण किया जा रहा है नाहीं सड़क पर जीएसबी डाली जा रही है नाहीं सड़क में स्क्रैचिंग किया जा रहा है पुरानी जर्जर सड़क के ऊपर ही डामर की परत चढ़ाकर लीपा पोती की जा रहीं हैं। किरंदुल से लेकर दंतेवाड़ा तक 40 किलोमीटर सड़क का निर्माण पी डब्ल्यू डी विभाग के अंतर्गत किया जा रहा हैं सड़क निर्माण कार्य के 15 दिन भी बीत नहीं रहें है कि सड़क उखड़ने लगी है। ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण कार्य काफी घटिया तरीके से कराया जा रहा है जिसे लेकर स्थनीय लोगों में काफी आक्रोश है।
लौहनगरी में घटिया सड़क निर्माण से लोग परेशान तो हैं ही पिछले 2 वर्षों से हो रहे हादसे भारी धूल और कीचड़ ने राहगीरों की जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है स्थानीय लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अपील की है कि जल्द से जल्द सड़कों की निर्माण गुणवत्तापूर्ण हो ताकि दुर्घटनाओं और धूल से लोगों को निजात मिल सके
सरकार द्वारा सड़क निर्माण कार्य में करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है मगर ठेकेदारों एवं विभाग्य इंजीनियरों के लापरवाही का खामीयाजा राहगीरों व स्थनीय लोगों को भुगतना पड़ता है। ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारियो की मिली भगत में पैसों का बंदर बाट कर दिया जाता है स्थानीय लोगों का कहना है की अब ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा निर्माणाधीन सड़क की उच्च स्त्रीय जाँच करवाने की बात कह रहें हैं। यदि जाँच में निर्माणाधीन सड़क गुणवत्ताहीन पाई गई तो सड़क उखाड़ कर निर्माण कार्य दोबारा करवाएंगे अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

शिवलाल ठाकुर :- ई पी डब्ल्यू डी दंतेवाड़ा
बचेली से किरंदुल जो की घाट क्षेत्र है जहां रोड में स्क्रैचिंग करना व जी.एस.बी डालने की आवश्यकता नहीं है यहां पुराने सड़क के ऊपर ही डामर की परत चढ़ाई जानी है एस्टीमेट के अनुसार

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