चीन :- एक समय था जब चीन को iPhone निर्माण का वैश्विक केंद्र माना जाता था, लेकिन अब यह परिभाषा तेजी से बदल रही है। साल 2024-25 के आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भारत अब Apple के लिए एक मजबूत और रणनीतिक विनिर्माण हब बन चुका है।
पिछले एक साल में भारत में iPhone निर्माण में 60% की वृद्धि दर्ज की गई है। 22 अरब डॉलर (लगभग 1.83 लाख करोड़ रुपये) मूल्य के iPhones भारत में बनाए गए हैं। इसका अर्थ यह है कि दुनिया के हर पांच में से एक iPhone अब भारत में असेंबल हो रहा है — यानी 20% वैश्विक उत्पादन अब भारत से हो रहा है।
टैरिफ और वैश्विक राजनीति ने बदली दिशा
Apple द्वारा चीन से भारत की ओर बढ़ने के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं, जिनमें सबसे बड़ा कारण टैरिफ और व्यापार युद्ध (Trade War) की स्थिति है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन पर लगाए गए 20% टैरिफ, जो कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किए गए थे, अब भी प्रभावी हैं। भले ही स्मार्टफोन्स और लैपटॉप्स जैसे प्रोडक्ट्स को इन टैरिफ्स से आंशिक राहत मिली हो, लेकिन Apple जैसे ब्रांडों के लिए चीन में निर्माण करना पहले जितना लाभदायक नहीं रह गया है।
इसके विपरीत भारत सरकार की “Make in India” पहल, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) और कम उत्पादन लागत, Apple और अन्य वैश्विक कंपनियों के लिए भारत को अधिक आकर्षक विकल्प बना रहे हैं।
Apple की भारतीय मैन्युफैक्चरिंग की रीढ़
भारत में Apple के iPhone मुख्य रूप से दक्षिण भारत में स्थित फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप की फैक्ट्रियों में असेंबल किए जाते हैं। इसके अलावा Apple के प्रमुख विनिर्माण साझेदारों में शामिल हैं: