Canada Elections 2025: मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी की जीत, खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह हारे, एनडीपी नेता पद से इस्तीफा

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Canada Elections 2025: ओटावा। कनाडा के आम चुनाव में लिबरल पार्टी ने शानदार वापसी करते हुए सत्ता बरकरार रखी है, जबकि खालिस्तान समर्थक और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जगमीत सिंह न केवल अपनी बर्नाबी सेंट्रल सीट हार गए, बल्कि उनकी पार्टी भी महज 7 सीटों पर सिमट गई। हार के बाद सिंह ने एनडीपी नेता पद से इस्तीफा दे दिया।

जगमीत सिंह और खालिस्तान मूवमेंट

कनाडा के सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 46 वर्षीय जगमीत सिंह को देश के प्रमुख नेताओं में गिना जाता था। वकालत के पेशे से राजनीति में आए सिंह पर खालिस्तान मूवमेंट को समर्थन और खालिस्तानी समर्थकों को कानूनी सहायता देने के आरोप लगते रहे हैं।

भारत ने उनकी गतिविधियों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें प्रतिबंधित कर रखा है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सिंह अपनी सीट पर तीसरे स्थान पर रहे, जिसके बाद उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठने लगे हैं। एनडीपी ने 12 सीटें जीतने का न्यूनतम लक्ष्य भी हासिल नहीं किया, जिसके चलते पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया।

लिबरल पार्टी की सत्ता में वापसी

लिबरल पार्टी ने 166 सीटों पर जीत हासिल की है, जो 2021 के मुकाबले 9 सीटें अधिक है। कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है, इसलिए यह अभी स्पष्ट नहीं है कि लिबरल पार्टी बहुमत सरकार बनाएगी या अल्पमत सरकार। इस बार जस्टिन ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बनेंगे।

ट्रूडो ने जनवरी 2025 में इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद मार्क कार्नी 14 मार्च को लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री बने। कार्नी, जो पूर्व में बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं, ने डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों और टैरिफ धमकियों के खिलाफ मजबूत रुख अपनाकर लिबरल पार्टी को पुनर्जनन दिया।

कंजरवेटिव पार्टी फिर विपक्ष में

कंजरवेटिव पार्टी, जिसके नेता पियरे पॉइलिवरे हैं, को लगभग 145 सीटें मिलने की संभावना है। पिछले साल तक भारी बढ़त में दिख रही कंजरवेटिव पार्टी ट्रम्प के टैरिफ विवाद और कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी की वापसी के कारण सत्ता से दूर रह गई। पॉइलिवरे ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने 20 से अधिक सीटें बढ़ाईं और 1988 के बाद सबसे अधिक वोट शेयर हासिल किया।

चुनाव पर ट्रम्प का साया

यह चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ और कनाडा को “51वां अमेरिकी राज्य” बनाने की धमकियों से प्रभावित रहा। कार्नी ने अपनी जीत के भाषण में कनाडा की संप्रभुता और आर्थिक एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम अमेरिकी विश्वासघात के झटके से ऊबर चुके हैं, लेकिन हमें इसके सबक कभी नहीं भूलने चाहिए।”

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