किरण देव और केदार कश्यप की निष्क्रियता से जल संकट का दंश झेल रही बस्तर की जनता – सुशील मौर्य
महानदी जल विवाद सुलझाने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर दबाव बना परंतु क्यों इंद्रावती जल विवाद पर क्यों नहीं बना पा रहे दबाव किरण और केदार – सुशील मौर्य
जगदलपुर। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महानदी विवाद पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव और उड़ीसा के मुख्यमंत्री की मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि महानदी विवाद को समाप्त करने पर गहन चर्चा दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों के बीच होती है परंतु बस्तर की प्राणदायनी इंद्रावती नदी सूखने के स्थिति में पहुंच चुकी है किसान लगातार संघर्ष कर रहे जोरा नालातक पहुंच साफ सफाई कर विभाग और नेतागणों को चेताने के बावजूद भी अपने मुख्यमंत्री से इसगंभीर विषय पर चर्चा तक नहीं करते, बस्तर के नेता किरण देव प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी हैं, केदार कश्यप छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री हैं, महेश कश्यप बस्तर के सांसद हैं परंतु इस गंभीर विषय पर ये नेता थोड़ी सी भी गंभीरता नहीं दिखा पा रहे हैं,ये आपस में मिलकर अपने मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा के लिए दबाव नहीं बन पा रहे हैं जो कि बस्तर के लिए दुर्भाग्य जनक है,बस्तर की प्राणदायनी इंद्रावती नदी पूरी तरह से सूखने की कगार पर है और ऐसी स्थिति में बस्तर के किसानों, पशुओं और शहर वासियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है परंतु ये सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और स्वयंभू नेता अपनी सरकार के मुखिया पर इंद्रावती जल संकट से निपटने दबाव बनाने में विफल साबित हुए हैं, क्यों ये बस्तर के भाजपाई नेता उड़ीसा सरकार पर दबाव बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को नहीं मना पा रहे हैं यह बेहद गंभीर और चिंता का विषय है।
सुशील मौर्य ने पूछा है अगर बस्तर के भाजपाई जनप्रतिनिधियों से यह कार्य नहीं हो पा रहा है तो स्पष्ट करें और अपनी निष्क्रियता और असमर्थता जाहिर करें ताकि बस्तर क्षेत्र के आम लोग अपनी लड़ाई स्वयं लड़ने की तैयारी करें।
सुशील ने कहा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के लिए भी बस्तर कोई खास मायने नहीं रखता है यह स्पष्ट हो गया है सिर्फ चुनाव जीतने के लिए बस्तर में आते हैं और बस्तर की समस्याओं के प्रति वे कोई गंभीरता नहीं दिखाते हैं,यदि वे गंभीर होते तो वे महानदी विवाद के साथ साथ जोरा नाला विवाद पर भी ओडीशा के मुख्यमंत्री से चर्चा करते।यह बात स्पष्ट हो गयी है कि डबल इंजन की सरकार खासकर बस्तर के लोगों के जीवन के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है l जनता ने किरण देव,केदार कश्यप और महेश कश्यप को चुना जिसे देखकर पार्टी ने इन तीनों नेताओं को महत्वपूर्ण पद दिए बावजूद इसके ये तीनों नेता भी बस्तर को उसका हक दिलाने में फिसड्डी साबित हो गये हैं ये सदन से लेकर सड़क तक बस्तर को उसका हक दिलाने लड़ नहीं पा रहे हैं, यह बस्तर का दुर्भाग्य ही है कि बस्तर से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, बस्तर से जल संसाधन मंत्री,बस्तर सांसद के रहते हुए जोरा नाल विवाद पर मुख्यमंत्री उड़ीसा के मुख्यमंत्री से बात तक नहीं कर रहे हैं और दूसरी तरफ ये तीनों नेता सिर्फ और सिर्फ बस्तर के जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं, बस्तर की जनता को झूठा आश्वासन दे रहे हैं, सुशील ने कहा मैं पूछना चाहता हूं कि बिना चर्चा के जरा नाल विवाद का समाधान कैसे निकालेंगे किरण देव, केदार कश्यप और महेश कश्यप उन्हें जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए या फिर बस्तर की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगकर अपनी असमर्थता जाहिर कर देनी चाहिए।