गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नक्सलियों के खात्में की तय समय सीमा से नक्सली संगठन दहशत में, नक्सली लीडर के पत्र से हुआ खुलासा

Spread the love

बीजापुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक राज्य से नक्सलवाद ख़त्म करने की समय सीमा तय करने के बाद से सुरक्षाबलों की ताबड़तोड कार्यवाही से अब नक्सलियों में दहशत साफ दिखाई दे रहा है। इसी बीच बीजापुर के अरंडी मुठभेड़ वाली जगह पर नक्सलियों का एक पत्र बरामद हुआ है। गोंडी भाषा में लिखे गए 2 पन्ने के पत्र में सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और संगठन में दहशत का जिक्र किया गया है। बरामद हुए पत्र से साफ जाहिर है कि सरकार द्वारा नक्सलियों के खात्में के लिए तय की गई समय सीमा का नक्सल संगठनों में खौफ है। नक्सली लीडर मोटू ने महिला नक्सली कमांडर मनकी के नाम गोंडी में पत्र लिखा है। जिसमें नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों में लगातार बढ़ रहे दबाव का जिक्र है। जिसे लेकर नक्सलियों में भय व्याप्त है। नक्सली लीडर मोटू ने अपनी कमांडर मनकी को लिखे पत्र में कहा है कि अब हमारे लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है। पत्र में हाल ही में हुई मुठभेड़ वाली जगह अरंडी के अलावा बोडका, गमपुर,डोडी तुमनार और तोड़का के जंगलों को भी असुरक्षित बताया गया है। पत्र में लिखा गया है कि नक्सली पिछले 1 साल से दहशत में जी रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बीजापुर के अरंडी मुठभेड़ जिसमें सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को ढेर कर दिया था, उस जगह से जावनों को मारे गये नक्सलियों के हथियार एवं नक्सल सामग्री के साथ नक्सलियों का एक पत्र भी मिला है। स्थानिय गोंडी भाषा में लिखे गए 2 पन्नों के इस पत्र में दो सौ पन्ने की कहानी का जिक्र है। पत्र नक्सली लीडर मोटू ने महिला नक्सली कमांडर मनकी के नाम लिखा है। जिसमें सुरक्षित तरीके से कहीं भी ठहर पाने को नक्सलियों ने मुश्किल बताया है। जरा सी आहट भी दहशत पैदा कर रही है। पत्र में हाल ही में हुई मुठभेड़ वाली जगह अरंडी के अलावा बोडका,गमपुर,डोडीतुमनार और तोड़का के जंगलों को भी असुरक्षित बताया है। पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि पिछले एक वर्ष से सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के बीच साथी नक्सली दहशत में जी रहे हैं। संगठन के लोग संगठन छोड़कर भाग रहे हैं। लगातार हो रही कार्रवाई से नक्सली खौफ में हैं। उनके कई सुरक्षित ठिकानों से उनके पैर उखड़ रहे हैं, वे अपना सुरक्षित ठिकाना छोड़कर भागने को मजबूर हो रहे हैं। नक्सलियों के सेफ जोन में अब सुरक्षा बलों का कैंप खुलने से जवानों के कब्जे में पूरा इलाका है।

बस्तर आइजी सुंदराज पी. ने पहले ही नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कह दिया है कि बस्तर में अब नक्सलियों के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं रह गया है। नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापिस लौटें, वर्ना हमारे जवान उन्हें सबक सिखाकर रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *