रायपुर। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने दुर्ग के कारोबारी विनय कुमार टंडन को 10.38 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर ‘ओविया ट्रेडर्स’ नामक फर्म खोलकर फर्जी चालान के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया। साथ ही, टैक्स देनदारी से बचने के लिए एक और फर्जी कंपनी बनाकर कर चोरी की।
फर्जी चालान से करोड़ों की गड़बड़ी
सेंट्रल जीएसटी की जांच में सामने आया कि 70 करोड़ रुपए मूल्य के चालान बिना किसी वास्तविक आपूर्ति के बनाए गए थे। जांच में यह भी पाया गया कि आरोपी ने माल या सेवाएं प्रदान किए बिना फर्जी बिलिंग के माध्यम से आईटीसी का लाभ उठाया और उसे पास किया। मामले में आवश्यक साक्ष्य मिलने के बाद जीएसटी टीम ने कारोबारी को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई प्रधान आयुक्त राकेश गोयल के निर्देश पर की गई।
ऐसे की गई टैक्स चोरी
जांच एजेंसियों ने आरोपी के व्यापारिक लेन-देन की गहन पड़ताल की। बैंक स्टेटमेंट, ई-वे बिल डेटा और वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण करने के बाद पता चला कि आरोपी फर्जी बिलिंग के जरिए टैक्स लाभ उठा रहा था। साथ ही, जांच में यह भी सामने आया कि कारोबारी के पास पहले से ही जीएसटी पंजीकरण था, जहां 1 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स देनदारी लंबित थी। बकाया भुगतान से बचने के लिए उसने अपनी पत्नी के नाम पर एक नया जीएसटी पंजीकरण करवा लिया और फर्जी लेन-देन शुरू कर दिए।