GC NEWS : बस्तर विश्वविद्यालय में नवाचार और उद्यमिता पर कार्यशाला आयोजित

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जगदलपुर : शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय “अंडरस्टैंडिंग एंटरप्रेन्योरशिप इन एकेडेमिया” रहा, जिसमें विद्यार्थियों, एलुमिनि और स्थानीय उद्यमियों ने भाग लिया।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता अचिंत गुलाटी, इनक्यूबेटर मैनेजर, जिला इनक्यूबेशन हब, दुर्ग (छत्तीसगढ़) ने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में डिग्रीधारी युवाओं की संख्या तो अधिक है, लेकिन वे अपनी डिग्री का उपयोग सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने एंटरप्रेन्योरशिप के महत्व, आवश्यक गुणों और स्टार्टअप यात्रा के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को “स्टार्ट अ बिजनेस, टेक रिस्क्स, सीज़ अपॉर्च्युनिटी, इनोवेट्स, मैनेजेस एंड ऑर्गेनाइज़ेस” जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अपनाने की सलाह दी, जिससे वे सफल उद्यमी बन सकते हैं और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर सकते हैं।

कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कार्यशाला की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि हर साल विश्वविद्यालय से हजारों विद्यार्थी स्नातक होते हैं, लेकिन सभी को रोजगार के अवसर नहीं मिलते। ऐसे में स्वरोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में इन्क्यूबेशन एंड स्टार्टअप फाउंडेशन की स्थापना की गई है। यह सेंटर छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करेगा और उन्हें रोजगार सृजन की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

कार्यशाला में कुलसचिव डॉ. राजेश लालवानी ने विद्यार्थियों से शिक्षा के साथ-साथ उद्यमिता और स्टार्टअप की ओर भी ध्यान देने की अपील की। इस अवसर पर प्रो. शरद नेमा, प्रो. स्वपन कुमार कोले, डॉ. विनोद कुमार सोनी, डॉ. सुक्रिता तिर्की, डॉ. संजय डोंगरे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में आईआईसी के प्रेसीडेंट डॉ. सजीवन कुमार, कार्यक्रम संयोजक डॉ. तूलिका शर्मा, समन्वयक डॉ. रश्मि देवांगन, सह-समन्वयक डॉ. नीरज वर्मा, डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. देवेन्द्र यादव और इन्क्यूबेशन सेंटर की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस कार्यशाला ने विद्यार्थियों और स्थानीय उद्यमियों को स्टार्टअप और उद्यमिता के महत्व को समझने का अवसर दिया, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकें। विश्वविद्यालय का यह प्रयास बस्तर संभाग में नवाचार और रोजगार सृजन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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