बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में हाईकोर्ट ने सतनामी समाज के 112 लोगों को जमानत दे दी है। ये सभी हिंसा और आगजनी के आरोप में जेल में बंद थे। वहीं, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, और वे आज शाम तक रिहा हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले इस मामले में 60 से अधिक आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। 25 हजार के बॉन्ड पर आरोपियों को जमानत मिली है।
बता दें कि कोर्ट ने हर सुनवाई में ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। 10 जून 2024 को बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट परिसर में हिंसा और आगजनी की बड़ी घटना हुई थी, जिसमें उपद्रवियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी। बता दें कि इस मामले में अब कुल 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
बलौदाबाजार की इस घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था। उपद्रव में 12.5 करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। हिंसा के दौरान 200 से अधिक वाहन जला दिए गए थे, जिनमें दो दमकल गाड़ियां भी शामिल थीं। साथ ही, 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। अदालत के इस फैसले के बाद अब अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई की संभावना है।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि 15 और 16 मई 2024 की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे। जिसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की। वहीं 10 जून को जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए और जमकर हंगामा किया। जहां प्रदर्शन हिंसक हो गया. जिसके बाद उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक घटना में सरकारी संपत्तियों को 12.53 करोड़ रुपये का भारी नुकसान पहुंचा था। मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 43 मामलों में 187 लोगों को गिरफ्तार किया था।