Aaj Ka Panchang: आज रवि प्रदोष व्रत पर जानें 9 फरवरी के पंचांग के नक्षत्र, शुभ योग, राहु काल

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Aaj Ka Panchang 9 February 2025: आज 9 फरवरी, 2025 को माघ माह का 27वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 02 मिनट 40 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 56 मिनट 35 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 9 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

आज का पंचांग

तिथि: आज 9 फरवरी, 2025 को 07:25 PM तक द्वादशी तिथि है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरु हो जाएगी। हालांकि द्वादशी एक भद्रा तिथि है, लेकिन इसके स्वामी भगवान विष्णु हैं। साथ ही, इस तिथि को यशप्रद माना गया है, इसलिए इस तिथि को अधिकांश कार्यों के लिए शुभ माना गया है और यह शुभ मुहूर्तों में सम्मिलित है। साथ ही इस तिथि का संयोग आज त्रिपुष्कर योग से होने के कारण यह तिथि बेहद खास बन गई है।

नक्षत्र: आज 9 फरवरी को शाम के 05:53 PM तक तक आर्द्रा नक्षत्र का योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र शुरू होगा। आर्द्रा और पुनर्वसु दोनों नक्षत्र सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जो नवग्रहों के स्वामी हैं। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

योग: आज शाम के 12:07 PM बजे तक विष्कंभ योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद प्रीति योग आरंभ हो जाएगा, जो 10 फरवरी की 10:27 AM तक प्रभावी रहेगा। विष्कंभ एक अशुभ योग है, जिसमें शुभ कार्य करना वर्जित है, जबकि प्रीति शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना गया है।

करण: आज दिन एक 07:47 AM बजे तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 07:25 PM बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद कौलव करण आरंभ हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके राशि स्वामी बुध ग्रह हैं।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:20 AM से 06:12 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:46 AM से 07:04 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM

विजय मुहूर्त: 02:26 PM से 03:10 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:04 PM से 06:30 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:07 PM से 07:24 PM

अमृत काल: 07:58 AM से 09:34 AM

निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 10 से 01:01 AM, फरवरी 10

त्रिपुष्कर योग: आज इस योग का समय 05:53 PM से 07:25 PM तक है।

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल दोपहर बाद 04:44 PM से 06:07 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 12:35 PM से 01:58 PM

गुलिक काल: 03:21 PM से 04:44 PM

दुर्मुहूर्त काल: 04:38 PM से 05:23 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 05:57 AM, फरवरी 10 से 07:33 AM, फरवरी 10

9 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज माघ माह की द्वादशी तिथि है, आज जया एकादशी व्रत का पारण है। साथ ही आज प्रदोष व्रत शुरू हो जाएगा, जिसका व्रत कल 13 फरवरी को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना के श्रेष्ठ दिन माना गया है। इसके अलावा आज भीष्म द्वादशी भी है, जिसमें भीष्म पितामह के लिए तर्पण और दान किया जाता है।

रविवार का व्रत: रविवार को सूर्यदेव की उपासना से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। इस दिन सभी देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष शुभ फल प्राप्त होते हैं। व्रत, दान और सूर्य अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने का एक प्रभावी मार्गदर्शक है। इसे अक्सर एक धार्मिक परंपरा समझ लिया जाता है, लेकिन इसकी वास्तविक शक्ति इससे कहीं अधिक है। पंचांग हमें ब्रह्मांड की लय के साथ तालमेल बिठाकर चलना सिखाता है, जिससे जीवन में आने वाली बाधाएं कम होती हैं और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह न केवल निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि सही समय पर सही कदम उठाने में भी मदद करता है।

हिंदू पंचांग पांच प्रमुख अंगों—वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण—का एक सुसंगत संतुलन है। ये तत्व किसी भी कार्य के लिए अनुकूल या प्रतिकूल समय को निर्धारित करते हैं। उदाहरण के लिए, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, व्यापार प्रारंभ जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को पंचांग में बताए गए शुभ मुहूर्त के अनुसार करने से उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि पंचांग को जीवन के हर शुभ कार्य की नींव माना जाता है।

इस प्रकार, पंचांग को केवल तिथियों और त्योहारों का सूचक मानना इसकी गहराई और महत्व को कम आंकने जैसा है। यह हमें सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। इसे समझकर और अपनाकर हम अपने जीवन को और अधिक सुव्यवस्थित और सार्थक बना सकते हैं।

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