नक्सल संगठन ने हिड़मा से जिम्मेदारी छिनी

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रायपुर। सुरक्षाबल के लगातार बढ़ते दबाव के बीच माओवादियों ने नेतृत्व में परिवर्तन किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि माओवादियों की सर्वोच्च संस्था सेंट्रल कमेटी में करीब एक दर्जन सदस्य हैं, लेकिन माड़वी हिडमा अब उनमें शामिल नहीं है. प्लेउन्मुते लोडड : 1.60% फुलस्क्रीन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल मुक्त भारत के लिए मार्च 2026 की समय सीमा तय की है. इस समय सीमा के हिसाब से सुरक्षाबल अपने काम को अंजाम भी दे रहे हैं. लगातार धराशाई किए जा रहे छोटे-बड़े रैंक के नक्सलियों की वजह से सेंट्रल कमेटी का नए सिरे से गठन किया गया है. एक अधिकारी के अनुसार, वरिष्ठ माओवादी रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलपति से जुड़ी हालिया मुठभेड़ से पहले तैयार किए गए डोजियर में उसे 12वें स्थान पर दिखाया गया था. हालांकि, अधिकारी ने कहा कि वह वास्तव में सेंट्रल कमेटी में शीर्ष 10 वरिष्ठ माओवादियों में से एक था. वहीं सेंट्रल कमेटी में सबसे युवा नक्सली 54 वर्षीय पतिराम मांझी है, जिसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम है.

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