दंतेवाड़ा।अखिल भारतीय हल्बा आदिवासी समाज दंतेवाड़ा द्वारा 26 दिसंबर को दंतेवाड़ा जिले के टेकनार में शक्ति दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानीय मुख्य अतिथि रामू राम नेताम के द्वारा आराध्य देवी माई दंतेश्वरी की पूजा अर्चना की।पूजा अर्चना कर हल्बा समाज के अध्यक्ष संतु राम नाग द्वारा झंडा रोहण कर किया गया। वहीं, समाज के होनहार तथा प्रतिभावान बच्चों व कर्मचारियों, समाज को गौरवान्वित करने वालों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में कलश सजाओ प्रतियोगिता, संस्कृति रंगारंग कार्यक्रम, गीत, संगीत तथा हल्बी व छत्तीसगढ़ी नृत्य ने समा बांध दिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण समाज द्वारा पारंपरिकता हल्बी गीत बाजे गाजे झंकार के साथ कतार वृद्घ मातृशक्ति, पुरुष,बच्चे बड़ी संख्या में डीजे के धुन पर थिरकते रहे। 18 मूल बस्तरिया समाज से आमंत्रित अतिथि सत्यनारायण कर्मा, हल्बी हल्बा समाज के सचिव व सामाजिक सहलाकर हरि लाल डेगल, केंद्रीय बाडी महासचिव एडी नाग, माई दंतेश्वरी के सेवादार भी शामिल रहे।
इस दौरान मुख्य अतिथि रामू राम नेताम ने कहा कि समाज में एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए हम सबको परिवार की तरह एक होकर आपसी मतभेद व मनभेद को भूलकर रहना होगा, तभी हमारे समाज में एकता ला सकते हैं तथा समाज को मजबूत कर सकते हैं। समाज के गरीबी रेखा के नीचे निवासरत होनहार बच्चे जो पढने लिखने में तेज हो उन्हें अपने स्तर पर मदद कर सकते हैं। ताकि वे आगे बढे और हमारे समाज का मान सम्मान ऊंचा करें। जो बेटियां अर्थिक परिस्थिति के कारण पढ़ नहीं सकती है उन्हें पढने में मदद करें। आज हमारा समाज पहले के मुकाबले में अधिक उन्नति कर रहा है तथा हमारा समाज किसी से भी कम नहीं है। हर क्षेत्र में हमारे समाज का बोलबाला है ।
चाहे वह शासकीय हो,अर्धशासकीय हो भारतीय सेना हो या अन्य अशासकीय क्षेत्र हर जगह हमारा समाज उपस्थित है। आज हमारे आदिवासी समाज के बहुत से बच्चे इस वर्ष भी शासकीय सेवा में पदस्थ हुए हैं इसके लिए उनके पालकों और समाज को बधाई। आप सभी सक्षम लोग जैसे भी हो समाज के लोगों की मदद करें, ताकि हमारा समाज हमेशा आगे बढता रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में रामचंद नागेश,जयदयाल नागेश, पीलू डेगल,सुनिल कश्यप,मनबाल नाग, कार्तिक बघेल, समेत दंतेवाड़ा जिले भर से दादा -दादी,सियान- सज्जन, माता -बहन,युवा साथियों द्वारा इस अखिल भारतीय आदिवासी हल्बा हल्बी समाज के आयोजन में अन्य समाज से आए समाज प्रमुखों द्वारा भी बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लिया गया।