भोपाल: आपने पुलिस परेड और मार्चपास्ट के दौरान देखा होगा कि पुलिस के जवान मंच पर मौजूद अति विशिष्ट लोगों को सलामी देते है। अमूमन मंच पर मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, जिले के बड़े प्रशासनिक या पुलिस के अधिकारी मौजूद होते है। हालांकि अब यह दृश्य शायद कभी ना देख पाए। क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार ने सलामी से जुड़ी इस प्रथा को पूरी तरह ख़त्म करने का फैसला ले लिया है। हालांकि परेड में शामिल जवान राष्ट्रपति के प्रतिनिधि यानी राज्यपालों को पुअर की तरह ही पूरे नियम से सलामी देंगे। इस संबंध में राज्य शासन ने आदेश जारी कर दिया है।
जारी आदेश में बताया गया है कि, “राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि, माननीय मुख्यमंत्री माननीय मंत्रीगण एवं पुलिस अधिकारियों को दी जाने वाली सलामी समाप्त की गई है। केवल महामहिम राज्यपाल महोदय ही सलामी ले सकेंगे। किंतु देखने में आ रहा है कि उक्त पत्र का कड़ाई से पालन न हो रहा है जिससे परेड में लगे कर्मचारियों की ड्यूटिया प्रभावित होती है। शासन के निर्णय का उल्लंघन किया जाता है। साथ ही यह प्रथा अंग्रेजों की याद दिलाती है।”
उपनिवेशवाद की पहचान
पत्र में आगे लिखा है, “इस तरह सलामी लेना असंवैधानिक है जो कि उपनिवेशवाद (Colonialism ruls) को दर्शाता है। पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में रहते हुये इस तरह शासन के निर्णय का उल्लंघन करना अधीनस्थ अधिकारियों / कर्मचारियों पर गलत प्रभाव पड़ेगा जो कि अच्छी बात नहीं है।”